अदाणी पोर्ट्स एंड सेज 13572 करोड़ रुपए में कृष्णपट्टनम पोर्ट कंपनी की 75% हिस्सेदारी खरीदेगी

अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी पोर्ट्स एंड सेज (एपीसेज) 13,572 करोड़ रुपए में कृष्णपट्टनम पोर्ट कंपनी लिमिटेड (केपीसीएल) की 75% हिस्सेदारी खरीदेगी। यह एपीसेज का अब तक का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। एपीसेज देश की सबसे बड़ी पोर्ट डेवलपर और ऑपरेटर कंपनी है। दूसरी ओर केपीसीएल प्राइवेट सेक्टर में अदाणी ग्रुप के मुंद्रा पोर्ट के बाद देश का दूसरा बड़ा पोर्ट है। बीते वित्त वर्ष में इसने 5.4 करोड़ मीट्रिक टन कार्गो हैंडल किया था। कंपनी का रेवेन्यू 2394 करोड़ रुपए रहा था।


एपीसेज 5 साल में कार्गो हैंडल क्षमता दोगुनी करना चाहती है




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    कृष्णपट्टनम पोर्ट के अधिग्रहण के जरिए एपीसेज वित्त वर्ष 2025 तक 40 करोड़ मीट्रिन टन कार्गो हैंडल करने की क्षमता हासिल करना चाहती है। बीते वित्त वर्ष में एपीसेज ने 20.8 करोड़ मीट्रिक टन कार्गो हैंडल किया था।


     




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    कृष्णपट्टनम पोर्ट की 90.6% हिस्सेदारी हैदराबाद के सीवीआर ग्रुप के पास है। बाकी शेयर लंदन की इक्विटी फर्म 3आई के पास हैं। कृष्णपट्टनम पोर्ट के ग्राहकों में जेएसडब्ल्यू ग्रुप, जुआरी सीमेंट, 3एफ इंडस्ट्रीज, जेमिनी एडिबल ऑयल्स एंड फैट्स, अदाणी विल्मर, एपगेनको और सेम्बकॉर्प इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियां शामिल हैं।


     




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    एपीसेज के सीईओ करण अदाणी का कहना है कि केपीसीएल के अधिग्रहण से ना सिर्फ हमारा मार्केट शेयर 22% से बढ़कर 27% हो जाएगा, बल्कि देशभर में हमारी मौजूदगी बढ़ेगी। पूर्व में धर्मा और कटुपल्ली पोर्ट्स का अधिग्रहण सफल रहने के बाद हमें भरोसा है कि केपीसीएल का अधिग्रहण भी सभी पक्षों के लिए फायदेमंद होगा।


     




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    केपीसीएल पूर्वी समुद्र तट पर अदाणी पोर्ट्स की पांचवीं लोकेशन होगी। इसके अधिग्रहण से आंध्रप्रदेश के बाजार में भी अदाणी पोर्ट्स की मौजूदगी हो जाएगी। कंपनी के पास देश के अलग-अलग हिस्सों में 11 पोर्ट्स और टर्मिनल पहले से हैं।



  5. यह अदाणी पोर्ट्स का सबसे बड़ा अधिग्रहण होगा, कंपनी का मार्केट शेयर 22% से बढ़कर 27% हो जाएगा

  6. कृष्णपट्टनम पोर्ट देश का दूसरा बड़ा प्राइवेट पोर्ट, बीते वित्त वर्ष में रेवेन्यू 2394 करोड़ रुपए रहा था

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